Whoever reads MAHABHARAT should always be surprised to know that Draupdi is married to FIVE Pandavas..! However Markandeya Puran answers this question in its begining when Saint Jaimini askes the same question to Shri Markandeya Rishi. Below is the Hindi Tanslation of the same.
पक्षियों ने कहा -- ब्राह्मण ! पूर्वकाल में त्वष्टा प्रजापति के पुत्र विश्वरूप इन्द्र के हाथ से मारे गये थे, इसलिए ब्रह्महत्या ने इन्द्र को धर दबाया। इससे उनके तेज को बड़ी क्षति हुई। इस अन्याय के कारण इन्द्र का तेज धर्मराज के शरीर में प्रवेश कर गया, अत: इन्द्र निस्तेज हो गये। तदनन्तर अपने पुत्र के मारे जाने का समाचार सुनकर त्वष्टा प्रजापति को बड़ा क्रोध हुआ। उन्होंने अपने मस्तक से एक जटा उखाडकर सबको सुनते हुए यह बात कही -- ' आज देवताओं सहित तीनो लोक मेरे पराक्रम को देखे। वह खोटी बुद्धि वाला ब्रह्मघाती इन्द्र भी मेरी शक्ति का साक्षात्कार कर ले; क्योंकि उस दुष्ट ने अपने ब्राह्मणोचित कर्म में लगे हुए मेरे पुत्र का वध किया है।' यों कहकर क्रोध से आँखें लाल किये प्रजापति ने वह जटा अग्नि में होम दी। फिर तो उस होम कुण्ड से वृत्र नाम का महान असुर प्रकट हुआ, जिसके शरीर से सब ओर से आग की लपटें निकल रही थी। विशाल देह, बड़ी बड़ी दाडें कटे छ्टे कोयले के ढेर की भांति शरीर का रंग था। उस महान असुर वृत्रासुर को अपने वध केलिए उत्पन्न देख इन्द्र भय से व्याकुल हो गये